भारत की जनसंख्या ज्यादा होने से सबको रोजगार तो नही दिला पाती सरकार, इसलिए सरकार ने लोगो के स्थानीय level पर ही रोजगार दिया जाए जिससे उनको गाँव छोड़कर जाना ना पड़े।
ग्रामीण इलाको को independent बनाना और गांवों से city के लिए रोकना। सरकार का उधेश्य था की महिलाओ को स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर उन्हे गरीबी रेखा से बाहर लाना।
यह योजना पूरे भारत मे 2011 चलाई गई और अलग अलग जगह अलग अलग नाम दिये गए। सरकार ने यह योजना इसलिए चलाई ताकि ग्रामीण लोगो को गरीबी रेखा से बाहर लाया जाए।
NRLM मुख्यत ग्रामीण क्षेत्र मे एक समान आय वाले वर्ग के ग्रुप समूह के रूप मे होती है जिसमे एक समान आय वर्ग की महिलाओ का समूह होता है।
स्वय सहायता समूह का अर्थ है इसमें 10-20 महिलाओ का ग्रुप बनाया जाता है जिसमे सभी महिलाएं एक समान आय कमाने वाली वर्ग से होती है, जिसमे सभी महिलाएं एक स्तर आय वाली होती है।
1. इस योजना मे 10-20 लोगो का समूह होता है, इसमें सभी लोग एक साथ समूह बनाकर काम करते है जिससे सामाजिक की भावना अधिक जागृत होती है
2.इस योजना के अंतर्गत लोगो को self dependent बनाया जाता है जिसमें लोगो को किसी आगे मांगने की जरूरत नही होती है ।
3.महिलाओ के लिए घर बैठे एक अच्छा रोजगार उदाहरण है। 4.इस योजना से महिलाओ को सक्षम बनाया जाता है